इन्वर्टर कैसे काम करता है ? | How does an inverter work?
इन्वर्टर कैसे काम करता है ? | How does an inverter work?

इन्वर्टर कैसे काम करता है ? | How does an inverter work?
इनवाटर, जिसे “Inverter” भी कहा जाता है, एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो डायरेक्ट करेंट (DC) को एल्टरनेटिंग करेंट (AC) में बदलता है। यहाँ इसके काम करने का विस्तार से वर्णन है:
- डीसी स्त्रोत (Direct Current Source): इनवाटर काम करने के लिए पहले आपको एक डीसी स्त्रोत की आवश्यकता होती है, जैसे कि बैटरी या सोलर पैनल से आयी डीसी शक्ति।
- इनवर्टर किरणें (Inverter Circuit): इसके बाद, इनवाटर किरणें काम में आती हैं। इनवर्टर किरणें समय-समय पर पॉलरिटी को बदलकर एसी करेंट को उत्पन्न करती हैं।
- उपयोगकर्ता डिवाइस (User Device): इनवर्टर द्वारा उत्पन्न किया गया एसी करेंट उपयोगकर्ता की उपयोग करने वाले डिवाइसों को चलाने के लिए उपयोग होता है, जैसे कि बिजली बल्ब, फैन, कंप्यूटर, टेलीविजन, आदि।
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इन्वर्टर कैसे काम करता है ? | How does an inverter work?
इनवाटर का मुख्य उद्देश्य डीसी से एसी करेंट में बदलकर उपयोगकर्ता के डिवाइसों को संचालित करना है, जिसका प्रमुख उपयोग बिजली की आपूर्ति को स्थिर रखना है, खासकर जगहों पर जहाँ अक्सर बिजली कटौती होती है या जहाँ अल्टरनेटिव ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना चाहिए।
इंवर्टर (Inverter) एक डिवाइस होता है जो बैटरी या अन्य स्त्रोत से डायरेक्ट करंट (DC) को एलेक्ट्रिकल बिजली के रूप (AC) में परिवर्तित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्वेषी अपूर्ण बिजली सप्लाई के दौरान विद्वेषी बिजली का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करना है, जैसे कि घरों और व्यवसायों में।
इंवर्टर काम कैसे करता है:
- इंवर्टर के इनपुट (यानी बैटरी या अन्य स्त्रोत) से डायरेक्ट करंट (DC) आता है।
- फिर इंवर्टर इस DC करंट को वेवलेट करके एक विशिष्ट आवेशित वोल्टेज और आवेशित फ्रेक्वेंसी की एलेक्ट्रिकल बिजली (AC) में परिवर्तित करता है।
- इसके बाद, इंवर्टर इस AC बिजली को विभिन्न विद्वेषी उपकरणों और उपयोगकर्ताओं को आपूर्ति करने के लिए वितरित करता है।
इंवर्टर का उपयोग विद्वेषी बिजली के बिना बिजली का आपूर्ति करने में होता है, जैसे कि बिजली कटौती के समय या जगहों पर जो बिजली सप्लाई नहीं होती है। यह विद्वेषी बिजली को एक उपयोगी रूप में परिवर्तित करने में मदद करता है।
इनवाटर (Inverter) एक उपकरण है जो बैटरी या डीसी स्त्रोति से आवर्ती विद्युत धारा (एसी स्त्रोति) में परिवर्तन करने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि यह डीसी (डायरेक्ट करंट) स्रोति को एसी (आल्टरनेट करंट) में बदलकर उपयोगकर्ता को विद्युत शक्ति प्रदान करता है।
इनवर्टर का काम निम्नलिखित तरीके से होता है:
- डीसी से एसी परिवर्तन: इनवर्टर अपने बैटरी या डीसी स्रोति से डीसी विद्युत धारा को एसी में बदलता है। यह प्रक्रिया पुल्स विड़ियो निरंतर मोडुलेशन (PWM) या अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करके होती है।
- विद्युत लाभ उपयोगकर्ता को प्रदान करना: इनवर्टर बदली गई एसी विद्युत धारा को उपयोगकर्ता के घरेलू उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स में विद्युत शक्ति के रूप में प्रदान करता है, जैसे कि बिजली बल्ब, फैन, कंप्यूटर, टेलीविज़न, और अन्य उपकरण।
- बैटरी चार्जिंग: इनवर्टर आमतौर पर बैटरी को चार्ज करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे विद्युति को लम्बे समय तक सहायता मिलती है।
इस तरह, इनवर्टर बिजली के उपयोग को डीसी स्रोति से एसी स्रोति में बदलता है ताकि उपयोगकर्ता अपने घरेलू उपकरणों को चला सके, जब बिजली की आपूर्ति नहीं होती है।
इनवाटर एक तरह की बैटरी होती है जो पानी का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करती है। यह विद्वेषी तकनीक का एक उदाहरण है और पानी को इलेक्ट्रोलाइट के रूप में उपयोग करती है। इनवाटर काम करने के लिए आपको विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है, जिनमें इलेक्ट्रोलाइट, इलेक्ट्रोड्स, और एक विद्वेषी सेल शामिल होती हैं।
यहां एक सामान्य प्रक्रिया है कि इनवाटर कैसे काम करता है:
- इलेक्ट्रोलाइट: पानी के अलावा, एक विशेष इलेक्ट्रोलाइट भी उपयोग में आता है, जैसे कि नाट्रियम सल्फेट या पोटेशियम हाइड्रोक्साइड। इस इलेक्ट्रोलाइट का काम होता है विद्वेषी सेल में आवश्यक इयोन्स प्रदान करना।
- इलेक्ट्रोड्स: इनवाटर में दो इलेक्ट्रोड्स होते हैं – एक पॉजिटिव और एक नेगेटिव। ये इलेक्ट्रोड्स इलेक्ट्रोलाइट के साथ संयोजित होते हैं।
- विद्वेषी सेल: विद्वेषी सेल एक प्रकार का अपरेटिंग सिस्टम होता है जिसमें इलेक्ट्रोलाइट और इलेक्ट्रोड्स सम्मिलित होते हैं। ये इलेक्ट्रोलाइट के साथ प्रयास करके बिजली उत्पन्न करते हैं।
यह तरीका एक प्रकार का अपेक्षित रूप से आगंतुक बिजली उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, लेकिन कृपया ध्यान दें कि इनवाटर से उत्पन्न बिजली की मात्रा सीमित होती है
और इसका विद्युत्पादन अकेले उपकरणों की तरह अस्थिर हो सकता है। इसके अलावा, इस तकनीक का अधिकारिक उपयोग की जानकारी चाहिए, तो आपको उपयुक्त विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।